Sunday, June 13, 2010
फ़ुटबाल का महाकुम्भ -
तो फ़ुटबाल का महाकुम्भ शुरू हो गया. टीवी कि दुकानों पर मारामारी देखी,एक बारगी लगा कि कोई नया ऑफर आया है.जिसके चलते टीवी की दुकानों पर भीड़ लगी है .लालच मै भी नहीं रोक पायी . पहुच गयी दुकान पर . दुकानदार से पूछा कि क्या कोई नया सस्ता टीवी आया है? उसने कहा नहीं नहीं. फ़ुटबाल का वर्ड कप शुरू हो गया है न .इसीलिए लोग टीवी खरीद रहे है.मेरे लिए ये खबर थी.अरे वाह खेल जिसमे हमारा देश दूर दूर तक की रेंकिंग में भी नहीं पहुचता ,उसके लिए ऐसा जूनून कि नया टीवी खरीदा जाए.वाह भाई वाह .आधी आधी रात तक जाग कर मैच देखना ,जिसमे भारत का कोई नामोनिशा नहीं है.वाकई जूनून है . क्रिकेट को धर्म मानने वाले देश में किसी और खेल कि पहुच बनते देखना बहुत अच्छा लगा. अब जबकि आई पी एल तमाशा देखने को मिल रहा हो ऐसे में विशुद्ध खेल देखने को मिलना सुखद अनुभव है.मीडिया वालो को भी इश्वर सद्बुद्धि दे , और वे युवराज कि पार्टी ,धोनी की बाइक और हरभजन की गर्लफ्रेंड वाले महत्वपूर्ण मुद्दे छोड़कर कुछ और खेलो की भी बात करे
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