Tuesday, September 20, 2011

क्रिकेट का बदलता स्वरुप


भारतीय क्रिकेट टीम ने 2011 का क्रिकेट विश्व कप जीत कर 1 आम भारतीय का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया है|इस जीत ने 50-50 ओवेर्स के एकदिवसीय मुकाबलों की लोकप्रियता फिर से बढ़ाने में एक बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है जो 20-20 क्रिकेट के सामने कहीं न कहीं फीकी पड़ती जा रही थी|मगर फिर भी 50-50 ओवेर्स के एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में दर्शक दीर्घाओं में दर्शको की कमी और घटती दिलचस्पी ICC के लिए चिंता का विषय हो सकती है|ऐसे में एकदिनी मुकाबलों के स्वरुप में बदलाव को लेकर मशहूर खिलाडी सचिन तेंदुलकर के बयान को लेकर एक नयी चर्चा शुरू हो सकती है|
ICC अध्यक्ष हारुन लोगर्ट को भेजे पत्र में सचिन ने क्रिकेट के एकदिवसीय स्वरुप में बदलाव की मांग की है|सचिन के मुताबिक एक मैच को 50-50 ओवेर्स की जगह 25-25 ओवेर्स के चार भागों में बाँट दिया जाए|इस तरह टॉस की निर्णायक भूमिका को काफी हद तक कम किया जा सकेगा|देखा गया है कि आमतौर पर टॉस जीतने वाली टीम फायदे में रहती है और खेलपट्टी का इस्तेमाल अपने हिसाब से करती है|भारत भी कई बार इस स्थिति का शिकार हो चुका है जिसमे सबसे प्रमुख उदहारण 1996 विश्व कप का कोलकाता के इडेन गार्डेन में भारत और श्रीलंका के बीच घूमती हुई विकेट पर खेला गया अंतिम चार का मैच है|
कई क्रिकेट विशेषज्ञों को इन सुझावों पर ऐतराज़ हो सकता है|वो इसे खेल के मौलिक स्वरुप से छेड़छाड़ करार दे सकते हैं|वैसे भी हमारे समाज में ऐसे रुढ़िवादी लोगो कि कमी नहीं है जो हर नए बदलाव को आशंका से ही देखते हैं|पर क्या खुद एकदिवसीय क्रिकेट भी एक बदलाव का नतीजा नहीं है?एकदिवसीय का दुर्घटनावश जन्म 1971 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एक टेस्ट क्रिकेट मैच के शुरुआती तीन दिन बारिश में धुल जाने के कारण हुआ था|हालांकि काफी समय पहले से ही दर्शको कि रूचि टेस्ट क्रिकेट के लम्बे चलने वाले उबाऊ स्वरुप से हटती चली जा रही थी और एक बदलाव कि ज़रूरत को महसूस किया जा रहा था|1975 में पहले क्रिकेट विश्व कप से दो साल पहले ही 1973 में महिला क्रिकेट विश्व कप का शुरू हो जाना महज एक संयोग नहीं था|
बहरहाल,उसके बाद एकदिवसीय क्रिकेट कि लोकप्रियता ने इतिहास बनाया|एकदिवसीय क्रिकेट के रोमांच कि वजह से ही इस खेल में इतना पैसा आया|हालांकि उस समय भी इस नए स्वरुप पर आशंकाएं जताई गयी थीं पर बाद में क्रिकेट का यह छोटा संस्करण बेहद लोकप्रिय और आयोजकों के लिए बेहद मुनाफे का सौदा साबित हुआ|एकदिवसीय क्रिकेट कि इस अपार लोकप्रियता ने ही निवेशकों का ध्यान इस तरफ खींचा ओर यहीं उन्हें एक बड़ा बाज़ार नज़र आया|
क्रिकेट के व्यावासीकरण का असली श्रेय 1977-79 के बीच ऑस्ट्रेलिया के मशहूर उद्योगपति कैरी पैकर द्वारा आयोजित वर्ल्ड सिरीस क्रिकेट को जाता है|ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड ओर कैरी पैकर के बीच प्रसारण मुद्दों को लेकर शुरू हुए विवाद ने एक ऐसे मनोरंजक खेल की बुनियाद रखी जिसमे हर तरफ चकाचौंध थी|रंगीन कपडे,दिन-रात्रि मैच,सफ़ेद गेंद,ग्राफिक्स का कमाल- सब वर्ल्ड सिरीस क्रिकेट की देन है|
आज 50-50 ओवेर्स के एकदिवसीय की लोकप्रियता भी 20-20 क्रिकेट की प्रतिस्पर्धा की वजह से खतरे में है|निवेशक ओर कारपोरेट घराने अब 20-20 क्रिकेट की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है|निवेश के बिना क्रिकेट को एक सामान की तरह नहीं बेचा जा सकता|ऐसे में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के विचार स्वागत योग्य हैं|अगर एकदिवसीय के स्वरुप में कुछ बदलाव लाकर दर्शकों को दर्शक दीर्घाओं तक खींचा जा सके ओर खेल को तकनीकी तौर पर भी व्यापक बनाया जा सके तो उसमे बुराई क्या है?बदलाव प्रकृति का नियम है|मेरा तो ये भी मानना है की ICC को टेस्ट क्रिकेट में भी जल्दी ही कुछ रोचक ओर व्यापक बदलाव लाने होंगे वर्ना उसका अस्तित्व ही खतरे में पड़ सकता है|

2 comments:

  1. मैं आपके विचारों से सहमत हूँ | परन्तु आज ही सचिन के सुझाव को आई सी सी ने ठुकरा दिया है | और उनका विश्वास है कि एक दिवसीय मैच को ४ पारियों में बाटना उचित नहीं होगा | तथा आप का यह कहना भी सही है की पित्च में होने वाले परिवर्तनों से जो खेल एक तरफ़ा हो जाता है, वो ४ पारियों से बहुत हद तक कम किया जा सकेगा | अगर आप को याद हो कि केवल इस वर्ष के विश्व कप में भारत व् इंग्लैंड का मैच बराबर रहा था, उस मैच में भारत ने ३३८ रन बनाये थे, जो कि इंग्लैंड ने भी बना डाले | अथवा इस परिणाम का मुख्य कारण पित्च को माना गया |
    दूसरी बात ये है कि, ऑस्ट्रेलिया ने अपने घरेलु मैच में एस फोर्मुले का प्रयोग करके देखा था, जो कि काफी सफल रहा | तो बिल्कुल, आई सी सी को इस पर फिर से विचार - विमर्श करने कि आवश्यकता है |

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  2. bilkul sahi kaha Ahmad aapne....ICC ko apne nirnay par dobara soch vichaar zarur karna chahiye...iss takniki laabh bhi honge aur ekdini cricket ki lokpriyata ko 1 naya aayaam bhi mil sakta hai

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