इंग्लैंड के हातो टेस्ट सीरिस मैं( ०-४) की शर्मनाक हार झेलने के बावजूद विशेषज्ञों का मानना हैं की इससे टीम इंडिया की ब्रद वलुए पर बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा |विज्ञापनों से जुड़े विशेषज्ञों और बाज़ार के जानकारों का कहना हैं की इसका असर बहुत ही कम समय तक रहेगा |
मेडिसन वर्ल्ड के सैम बलसारा ने कहा की ,हार या जीत से भारतीये क्रिकेट की ब्रद वलुए पर पर बहुत फर्क नहीं पड़ता | हालांकि कुछ समय के लिए टी आर पी मैं जरुर गिरावट आएगी |लेकिन बाज़ार मैं करीकेट की चमक जरा भी कम नहीं होगी | क्रिकेटरों को अपने उत्पाद का ब्रद अम्बैस्डर बनाने मैं की प्रवर्ती मैं कोई कमी नहीं आएगी |,
हरभजन सिंह के मैनेजर ने कहा ,२००७ मैं भारत विश्व कप पहले दौर से बाहर हो गया था|और २००९ मैं भारत को विजेता कप मैं असफलता मिली थी | हर कोई कह रहा था की अब क्रिकेटरों की ब्रद वलुए मैं गिरावट आएगी , लेकिन एस्सा कुछ भी नहीं हुआ | इस बार भी एस्सा ही होगा |अभी भी विज्ञापनों के लिए कम्पनी जानकारी हासिल कर रही हैं |ये सचाई हैं की टीम इंडिया अगले चार साल तक विश्व विजेता हैं |विश्व कप मैं जीत के बाद भारतीये क्रिकेटरों की ब्रांड वलुए में २५ से ३० प्रतिशत का इजाफा हुआ है|उन्हें नहीं लगता की इसमें कोई गिरावट आएगी |कैनन इंडिया के अलोक भरद्वाज को भी येही लगता हैं |विज्ञापनदाता लगता क्रिकेत्र्प से जुड़ते रहेंगे |बाज़ार के दृष्टिकोण से देखा जाए तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता |इससे दर्शको की शमता मैं कोई कमी नहीं आने वाली और अकेले सचिन की ब्रांड एक यादो खेलो से ज्यादा हैं |सचिन कैनन के ब्रांड एम्बैसडर हैं |
उनके अनुसार हमें सचिन के सौवे शतक का इंतजार हैं |हालांकि इससे फरक नहीं पड़ता |उन्होंने अब अपना अभियान बदल कर ९९ शानदार षड और एक बाकी हैं रखा हैं इससे कुछ समय के लिए इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा |
बिलकुल सही कहा गणेश आपने....इस हार से भारतीय क्रिकेट की चमक नहीं जाने वाली....हमारी जनता की याददाश्त बहुत कमजोर है....जैसे ही भारतीय टीम फिर से जीतना शुरू कर देगी वैसे ही भारतीय क्रिकेट की ब्रांड वेलुए फिर से बढ़ जाएगी और फिर से क्रिकेट खिलाडी विज्ञापन जगत के आकर्षण का केंद्र बन जायेंगे...क्रिकेट भारत में १ धर्म है और अपने धर्म से बिलकुल काटना १ आम भारतीय के लिए बहुत बड़ी चुनौती है...
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