स्पेन की सरकर ने वहां के कैटोलीनिया प्रान्त अपने देश के राष्ट्रीय खेल पर रोक लगाने का फैसला किया हैं |जिसके पक्ष और विपक्ष मैं आवाजे उठनी शुरू हो गयी हैं |इस खेल पर रोक पर २०१० मैं स्पेन की संसद मैं मतदान हुआ था | जिसको २०१२ मैं लागू करने का फैसला किया गया हैं
जो लोग इसके पक्ष मैं हैं
वो इस खेलो पर प्रतिबंध को स्पेन की राष्ट्रीयता पर हमला करार दे रहे हैं |क्युकी उनके अनुसार ये खेल स्पेन की सम्रध परंपरा का राष्ट्रीय प्रतिक हैं |जिसके कई बड़े नुक्सान भी हो सकते हैं |इस खेल के बंद हो जाने से इस खेल से जुड़े लोग बेर्रोजगार हो ज्याएंगे |इनके अनुसार ये खेल राज महाराजो के समय से खेला जा रहा हैं |
इसके विरोध मैं स्वर
जो लोग इस खेल के विरोध मैं आवाज उठा रहे हैं |वे इसको मनुष्यों द्वारा जानवरों पर हमला करार दे रहे हैं |जिसमे आदमी और जानवर द्वारा खुनी खेल खेला जाता हैं |
मेरे हिसाब से इस खेल पर प्रतिबन्ध लगाने के बजाये, इसे थोड़ा सीमित किया जा सकता है ताकि इसकी मनोरंजन षमता बनी रहे और दर्शकों का मनोरंजन भी होता रहे |
ReplyDeleteदूसरी बात यह है कि, इस खेल के अंत में बैलों को मारने कि प्रक्रिया एवं परंपरा को बंद करके इस खेल को जारी रखा जा सकता है |
वैसे मैं यह जानने के लिए उत्सुक हूँ, कि आप का क्या पक्ष है ?
मेरा ख्याल है की इस खेल पर प्रतिबन्ध लगाने से स्पेन के पर्यटन से एक प्रमुख आकर्षण कम हो जायेगा....दुनिया भर से हजारों लोग सिर्फ इसी खेल को देखने के लिए स्पेन जाते है| स्पेन और समूचे यूरोप में इस समय आर्थिक मंदी के बदल छाये हुए हैं, ऐसे समय में इसे प्रतिबंधित करना लाखों लोगों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है|
ReplyDeleteisko seemit karne se main samajhta hun ki is khel ke prati jo logo ka romaanch hain wo puri tarha se khatam ho jaayega kyuki log itna mehnga tikat lekar isi liye jaate hain kyuki jab ek bail jab us aadmi ke paas aata hain aur us aadmi dwara us bail ki peeth par ek dam mauke par jo talwar us bail ke gaadi jati log vaastav main us aamne saamne ki ladaai ko hi dekhna chahte hain
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